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कितनी
मोटी होती जा रही हो तुम। थोड़ा कम खाया करो। अपना खान-पान सुधारो। क्या खाती हो
तुम, जो इतनी मोटी होती जा रही हो। कल्पना को हर जगह
बस इसी तरह केे ताने, सलाह, सुझाव
सुनने को मिल रहे थे। प्रसून केे जन्म लेने के बाद से कल्पना का जो वजन बढ़ा, वह कम होने के बजाए साल दर साल बढ़ ही रहा था। उस पर घर और ऑफिस
दोनों को संभालते-संभालते कल्पना खुद के लिए वक्त ही नहीं निकाल पाई थी। लोगों की
बातें सुनते-सुनते उसे भी लगने लगा था कि सच ही तो है, वो कितनी लापरवाह है खुद के प्रति। खुद के लिए भी समय नहीं निकाल
पा रही है। कितनी बार सोचा कि जिम ज्वाइन कर लूं। ये भी मन आया कि जुम्बा या
एरोबिक्स क्लास ही शुरु कर लूं। लेकिन कुछ भी नहीं कर पाई। हालांकि उसे खुद केे
वजन से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन ये दुनिया कितने ताने देती है उसे। हर
वक्त कोई ना कोई अहसास करवा रहा होता है कि तुम कितनी मोटी होती जा रही हो। सुयश
भी तो कई बार कह चुके हैं कि थोड़ा कंट्रोल करो। सबसे ज्यादा गुस्सा तब आता है, जब लोग कम खाने की सलाह देते हैं। अब दो रोटी ही तो खाती हूं, वह भी बंद कर दूं, हवा खाकर अपना पेट भल लूं क्या। लेकिन लोग उसकी
सुनने के बजाए बस उसे सलाह ही देते रहते हैं।
फिर
एक दिन बरसों पुरानी एक सहेली मिल गई। सुरेखा और कल्पना एक ही स्कूल में पढ़ी थीं।
बारहवीं के बाद सुरेखा के पिता का तबादला मेरठ से बरेली हो गया था। आज 10 वर्षों
बाद मिली हैं दोनों सहेलियां। लेकिन सुरेखा ने कल्पना के वजन को लेकर कोई कमेंट
नहीं किया, बल्कि बोली कि कल्पना तुम्हारे शरीर में खून की
कमी है शायद। सुरेखा की बात सुनकर कल्पना का चौंकना लाजिमी था। उसने पलटकर सुरेखा
से पूछा, खून की कमी। सुरेखा बोली, मेरा मतलब है हिमोग्लोबिन की कमी है तुम्हारे रक्त में। क्या तुमने
कभी चेेक करवाया। नहीं तो, कल्पना का जबाव था। सुरेखा बोली, कभी तुमने गौर नहीं किया कि तुम्हारा वजन इतना क्यों बढ़ा हुआ है, दरअसल यह शरीर की सूजन जैसा हैै, तुम्हारे
पैर भी सूजेे हुए लग रहे हैं। कल्पना कहा कि हां, मैं
बहुत देर से पैर लटकाकर बैठी हूं, शायद इसलिए पैरों में सूजन आ गई है। और रही वजन
की बात तो प्रसून के जन्म केे बाद सेे मैने कोई विशेष प्रयास नहीं किया वजन कम
करने के लिए। सुरेखा ने कल्पना को समझाया कि तुम्हारा वजन प्रसून के कारण
प्रैग्नेंसी के वक्त जरूर बढ़ा होगा। लेकिन अभी तु्म्हारे शरीर को देखकर लग रहा है
कि यह वजन का बढ़ना नहीं, बल्कि शरीर का फूलना जैसा कुछ है। तुम सबसे पहले
ब्लड टेस्ट करवाओ। फिर सुरेखा और कल्पना पुराने दिनों में खो गई।
दोनों
की बीच वजन को लेकर हुई बात आई-गई हो गई। एक दिन कल्पना किसी काम से बाजार में थी, वहीं उसे एक हेल्थ लैब दिखी, तो
उसे सुरेखा की सलाह याद आई। सुयश भी साथ ही थे, उनसे
कल्पना कहा कि उसे ब्लड टेस्ट करवाना है। पहले तो सुयश ने उसे ऐसे देखा कि इसकी
क्या जरूरत आ पड़ी। फिर कुछ सोचकर उसके साथ लैब में चला आया। लैब के स्टॉफ को
बताया कि मेरी पत्नी का ब्लड टेस्ट करवाना है।
दो
दिन बाद रिपोर्ट आ गई। रिपोर्ट में सच में हिमोग्लोबिन कम बताया गया था। कल्पना ने
तत्काल सुरेखा को फोन मिलाया। अरे तुने सच कहा था, मेरा
हिमोग्लोबिन कम निकला। अब बारी सुरेखा की थी। वह बोली, दरअसल हम महिलाओं का वजन कई कारणों से घटता-बढ़ता रहता है। कई बार
हमारा शरीर विकट परिस्थिति में होता है, लेकिन
हम जान ही नहीं पाते। अब तुम किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाओ और हिमोग्लोबिन बढ़ाने
की दवाई लो। घर में गुड चना, अनार, सेब, चुकंदर, पालक खाओ। जल्द ही स्वस्थ हो जाओगी और दुबली भी।
जब सुरेखा कल्पना को मोबाइल फोन पर यह सलाह देे रही थी, तब सुयश पास में खड़े होकर उसे सुन भी रहे थे और इस सोच के लिए
शर्मिंदा भी हो रहे थे कि उनकी पत्नी खा-खाकर मोटी नहीं हो रही थी, बल्कि शहरी में रक्त की कमी सेे उसका वजन बढ़ता हुआ नजर आ रहा था।
9303144657
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