मंगलवार, 2 जुलाई 2019

कहानी- मोटी


(ये मौलिक रचना है, कृपया बगैर अनुमति कॉपी-पेस्ट ना करें, सर्वाधिकार सुरक्षित)



कितनी मोटी होती जा रही हो तुम। थोड़ा कम खाया करो। अपना खान-पान सुधारो। क्या खाती हो तुमजो इतनी मोटी होती जा रही हो। कल्पना को हर जगह बस इसी तरह केे तानेसलाहसुझाव सुनने को मिल रहे थे। प्रसून केे जन्म लेने के बाद से कल्पना का जो वजन बढ़ावह कम होने के बजाए साल दर साल बढ़ ही रहा था। उस पर घर और ऑफिस दोनों को संभालते-संभालते कल्पना खुद के लिए वक्त ही नहीं निकाल पाई थी। लोगों की बातें सुनते-सुनते उसे भी लगने लगा था कि सच ही तो हैवो कितनी लापरवाह है खुद के प्रति। खुद के लिए भी समय नहीं निकाल पा रही है। कितनी बार सोचा कि जिम ज्वाइन कर लूं। ये भी मन आया कि जुम्बा या एरोबिक्स क्लास ही शुरु कर लूं। लेकिन कुछ भी नहीं कर पाई। हालांकि उसे खुद केे वजन से कोई परेशानी नहीं हैलेकिन ये दुनिया कितने ताने देती है उसे। हर वक्त कोई ना कोई अहसास करवा रहा होता है कि तुम कितनी मोटी होती जा रही हो। सुयश भी तो कई बार कह चुके हैं कि थोड़ा कंट्रोल करो। सबसे ज्यादा गुस्सा तब आता हैजब लोग कम खाने की सलाह देते हैं। अब दो रोटी ही तो खाती हूंवह भी बंद कर दूंहवा खाकर अपना पेट भल लूं क्या। लेकिन लोग उसकी सुनने के बजाए बस उसे सलाह ही देते रहते हैं।
फिर एक दिन बरसों पुरानी एक सहेली मिल गई। सुरेखा और कल्पना एक ही स्कूल में पढ़ी थीं। बारहवीं के बाद सुरेखा के पिता का तबादला मेरठ से बरेली हो गया था। आज 10 वर्षों बाद मिली हैं दोनों सहेलियां। लेकिन सुरेखा ने कल्पना के वजन को लेकर कोई कमेंट नहीं कियाबल्कि बोली कि कल्पना तुम्हारे शरीर में खून की कमी है शायद। सुरेखा की बात सुनकर कल्पना का चौंकना लाजिमी था। उसने पलटकर सुरेखा से पूछाखून की कमी। सुरेखा बोलीमेरा मतलब है हिमोग्लोबिन की कमी है तुम्हारे रक्त में। क्या तुमने कभी चेेक करवाया। नहीं तोकल्पना का जबाव था। सुरेखा बोलीकभी तुमने गौर नहीं किया कि तुम्हारा वजन इतना क्यों बढ़ा हुआ हैदरअसल यह शरीर की सूजन जैसा हैैतुम्हारे पैर भी सूजेे हुए लग रहे हैं। कल्पना कहा कि हांमैं बहुत देर से पैर लटकाकर बैठी हूंशायद इसलिए पैरों में सूजन आ गई है। और रही वजन की बात तो प्रसून के जन्म केे बाद सेे मैने कोई विशेष प्रयास नहीं किया वजन कम करने के लिए। सुरेखा ने कल्पना को समझाया कि तुम्हारा वजन प्रसून के कारण प्रैग्नेंसी के वक्त जरूर बढ़ा होगा। लेकिन अभी तु्म्हारे शरीर को देखकर लग रहा है कि यह वजन का बढ़ना नहींबल्कि शरीर का फूलना जैसा कुछ है। तुम सबसे पहले ब्लड टेस्ट करवाओ। फिर सुरेखा और कल्पना पुराने दिनों में खो गई।
दोनों की बीच वजन को लेकर हुई बात आई-गई हो गई। एक दिन कल्पना किसी काम से बाजार में थीवहीं उसे एक हेल्थ लैब दिखीतो उसे सुरेखा की सलाह याद आई। सुयश भी साथ ही थेउनसे कल्पना कहा कि उसे ब्लड टेस्ट करवाना है। पहले तो सुयश ने उसे ऐसे देखा कि इसकी क्या जरूरत आ पड़ी। फिर कुछ सोचकर उसके साथ लैब में चला आया। लैब के स्टॉफ को बताया कि मेरी पत्नी का ब्लड टेस्ट करवाना  है। 
दो दिन बाद रिपोर्ट आ गई। रिपोर्ट में सच में हिमोग्लोबिन कम बताया गया था। कल्पना ने तत्काल सुरेखा को फोन मिलाया। अरे तुने सच कहा थामेरा हिमोग्लोबिन कम निकला। अब बारी सुरेखा की थी। वह बोलीदरअसल हम महिलाओं का वजन कई कारणों से घटता-बढ़ता रहता है। कई बार हमारा शरीर विकट परिस्थिति में होता हैलेकिन हम जान ही नहीं पाते। अब तुम किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाओ और हिमोग्लोबिन बढ़ाने की दवाई लो। घर में गुड चनाअनारसेबचुकंदरपालक खाओ। जल्द ही स्वस्थ हो जाओगी और दुबली भी। जब सुरेखा कल्पना को मोबाइल फोन पर यह सलाह देे रही थीतब सुयश पास में खड़े होकर उसे सुन भी रहे थे और इस सोच के लिए शर्मिंदा भी हो रहे थे कि उनकी पत्नी खा-खाकर मोटी नहीं हो रही थीबल्कि शहरी में रक्त की कमी सेे उसका वजन बढ़ता हुआ नजर आ रहा था। 


प्रियंका कौशल
9303144657

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