बुधवार, 17 जुलाई 2019

साक्षी के नाम खुला पत्र..


#साक्षी तुम्हें पता भी है तुमने कितनी लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। साक्षी क्या तुम जानती हो कि तुमने कितनी लड़कियों के सपनों का गला घोंटा है। साक्षी क्या तुम जानती हो कि तुमने लड़कियों को कितने पीछे धकेल दिया है, बिलकुल वहीं..जहां से वे संघर्ष कर आगे बढ़ी थीं। तुम्हारे प्रेम से दुनिया को कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन तुमने जो उसका तमाशा बनवाया है, उससे तुम ही आज कटघरे में खड़ी हो, और तुम्हारे साथ खड़ी हैं वे अनगिनत बेकसूर लड़कियां, जिन्हें अब उनके माँ, बाप, भाई ही शक की नज़र से देख रहे हैं। तुम्हे यदि जान का खतरा था तो न्याय पाने के और भी तरीके थे। तुमने वीडियो जारी किया, चलो उसे भी जायज़ मान लिया जाए। लेकिन जिस तरह तुमने न्यूज़ चैनल में बैठकर अपने परिवार की इज्जत हवा में उछली है ना, उससे तुम्हारी नीयत पर शक पैदा होता है। तुम अकेली लड़की नहीं हो, जिसने परिवार के ख़िलाफ़ जाकर विवाह किया है, लेकिन उन्होंने अपने पिता की इज्जत यूं तार-तार नहीं की। यदि प्रेम विवाह के बाद कि प्रतिक्रिया सहने के साहस नहीं था, तो ऐसा कदम ही क्यूं उठाया। तुम्हारे कृत्य से षड्यंत्र की बू आ रही है। वीडियो में जिस तरह तुम अपने पिता का नाम ले रही थी ना, उसमें घृणा का भाव जाहिर हो रहा था। तुम अपने पिता को समझा नहीं धमका रही थीं। तुम्हारी भाषा से तो नहीं लगा कि तुम डरी हुई हो। जिस तरह से सजी संवरी बैठी थी, उसे देखकर भी नहीं लगा कि तुम जान बचाने के लिए मारी-मारी फिर रही थीं। हर पिता अपनी बेटी को अरमानों के साथ विदा करना चाहता है, कोई बात नहीं कि तुमने अपने परिवार को विश्वास में लिए बिना ही रवाना हो गयी, पर एक बात याद रखना कि तुम्हारे कृत्य से (प्रेम विवाह करने से नहीं, बल्कि परिवार की भद्द पिटाने के कारनामे से) आज हम सब लड़कियां शर्मिंदा हैं। जो तुमने किया वो प्रेम नहीं केवल आकर्षण का शिकार होना है। क्योंकि जो अपने माता-पिता से प्रेम नहीं कर सकता, वो किसी से क्या प्रेम करेगा और क्या निभाएगा। अंत में एक बात याद रखना, हमारे यहां कहावत है-- जो ना माने बड़ों की सीख, ले कटोरा मांगे भीख। और एक बात यदि किसी न्यूज़ चैनल में बैठकर समस्याएं हल हो जाती तो देश की 80 फीसदी समस्याओं का समाधान हो गया होता। मैं खुद मीडिया से हूँ और मुझे कहने में कोई समस्या नहीं कि हम लोगों की परेशानी कम करने के बजाए बढ़ा रहे हैं। औऱ जाते-जाते सुन लो कि मीडिया को ना तुम्हारी जान बचाने में रुचि है ना ही तुम्हारे पिता जी की इज्ज़त बचाने में कोई इंटरेस्ट। तुम्हारे जैसे मूर्ख केवल मीडिया की टीआरपी बढ़ाने के टूल हो, इससे ज्यादा कुछ नहीं..#प्रियंकाकौशल 

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