रविवार, 22 अगस्त 2010

पोस्ट एक उम्मीदवार सैंकड़ों

एक ज़माना था जब सरकारी नौकरियों को भी कोई नहीं पूछता था...लेकिन आज की तस्वीर कुछ और ही है...सरकारी नौकरी तो दूर..अच्छे पढ़े लिखे, टैलेंटेड लोगों को प्राइवेट नौकरियां भी नसीब नहीं हो रही हैं। चूंकि मैं मीडिया सेक्टर में हूं..तो बात मीडिया सेक्टर की ही कर लेते हैं। हाल ही में हमारे न्यूज चैनल ने एंकर हंट चलाया। इस एंकट हंट से दो अदद एंकर चुने जाने थे...अब पोस्ट दो...लेकिन भीड़ सैंकड़ों की...सैंकडों युवा जो अलग-अलग क्षेत्रों ...एंकर बनने का ख्बाव लिए पंहुच गए। कोई मैनेजमेंट का स्टूडेंट था तो कोई साइंस का...कोई शिक्षक की नौकरी कर रहा था तो कोई पुश्तैनी बिजनेस कर रहा था...लेकिन एंकर बनने पहुंचा हुआ था...बड़ी मुश्किल हुई जब सैंकड़ों में दो एंकर छाटने की कवायद हो रही थी। एक से बढ़कर एक बंदे थे...इनमें से अब किसे चुना जाए किसे छोड़ा जाए...बड़ी दुविधा हो रही थी निर्णायकों को। लेकिन एंकर हंट में दो फाइनलिस्ट चुने जाने थे...इसलिए जैसे तैसे दो को चुना गया...। ऐसे में ये भी समझ में आया कि भैया अपन जहां हैं..अच्छे ही हैं...कहने का मतलब ये कि एंकर हंट को देखकर आंखे खुल गईं...लगा कि आने वाला समय क्या और भी भयावह होगा..जब आज एक नौकरी के लिए सैंकड़ों लोग संघर्ष करते नजर आ रहे हैं..तो आने वाले समय में क्या होगा...अगर आज इस पर गंभीरता से ना सोचा गया तो भविष्य की स्थितियां कितनी विस्फोटक हो सकती हैं। अब तो यही कहा जा सकता है कि....
दूसरे की थाली हमेशा भरी लगती थी
आज अपनी थाली पर गर्व हो रहा है
क्योंकि लोगों से पूछो कि सब कुछ होते हुए भी
उन्हें एक अदद नौकरी ढूंढने में कितना दर्द हो रहा है।

8 टिप्‍पणियां:

ASHOK BAJAJ ने कहा…

बहुत बढ़िया पोस्ट.बधाई

ASHOK BAJAJ ने कहा…

बहुत बढ़िया पोस्ट.बधाई

36solutions ने कहा…

सही कह रही है आप आपके टीवी के एंकर हंट के सम्बन्ध में फेसबुक में पढ़ा था.

ग्लैमर के चलते जिन्होंने इसमे भाग लिया उनको इस राह में दिल से ज्यादा दिन चलना नहीं है, ... फिर भी वे भीड़ बढाने चले आये रहे होंगे.

sheshank_gyan ने कहा…

this is not the case priyanka.i agree with u slightly..people from different sectors participated in it because everyone want to be in front of the camera.they are thrilled by the exposure which they get in electronic media..they are not aware of the ill-in the media sector..thogh unemployment is also there..but this is not the case here..aap kisi bhi audition ko dekh lijiye chahe wo koi bhi hunt waha ifrat bheed hoti hai iska matlab yeh nahi they are unemployed but bcos everyone want fame and recognition...by the way you are doing great job.

sheshank thakur
iimc.delhi

nagarjuna ने कहा…

Priyanka ...U have imagined the future crowd. Nice blog...Keep up.

bilaspur property market ने कहा…

करे नवीनता का आव्हान,
नव वर्ष की नव बेला में, करें नव शब्द का निर्माण.
नूतन वर्ष की बधाई और ढेरों शुभकामनाये ।

Govind a Media Proffessional ने कहा…

I Like Your Blog:

Plz Appreciate this blog and follow this...
He needs the followers
samratonlyfor.blogspot.com

Rahul Singh ने कहा…

आमतौर पर ओझल रहने वाली सचाई.