रविवार, 14 मार्च 2010

जय राम जी की

दोस्तों,

लम्बे समय बाद अपने ब्लॉग पर लौटी हूं। लेकिन अब सतत जुड़ी रहूंगी। अपनी अभिव्यक्ति के लिए सबसे सशक्त माध्यम, जिसमें किसी दूसरे का हस्तक्षेप न हो। ऐसे ही इस माध्यम इस मंच के जरिए अपने अनुभव आप लोगों के साथ बांटने की इच्छा है। आशा है कि मुझे आप जैसे कई दोस्तों का सहयोग मिलेगा। इस वक्त जब मैं ये लाइनें लिख रही हूं, तब मुझे बचपन याद आ गया। हम अपने ननिहाल वालों को चिट्ठियां लिखा करते थे और उनके जवाब का इंतजार भी करते थे। आज लग रहा है कि इतने हाईटेक माध्यम के जरिए मैं फिर से उन्हीं खतों के ज़माने में पहुंच गई हूं।

प्रियंका।

3 टिप्‍पणियां:

شہروز ने कहा…

पहली बार आना हुआ.लेकिन अच्छा ही हुआ कि जो आया.पढने को जो सामग्री मिली उस में उत्कटता है , विडम्बनाओं के प्रति छोभ है.कई पोस्ट पढ़ डाला.
ऐसा ही लिखती रहें.दुआ है!

जयंत श्रीवास्तव ने कहा…

स्वागत है...अच्छे विचार हैं ..बधाई ..!

Sanjeet Tripathi ने कहा…

hmm, to aap bhi aakhirkar aa hi gai hain blog jagat par. ek lambe samay se dekh raha tha ki zee 24 ghante chhattisgarh ka samucha staff dhire dhire nazar aa raha tha blog jagat par, tab yahi socha karta tha ki yeh prakhar patrakar aakhir kyn nahi aa rahi blog par.
khair der aaye durust aaye.....
shubhkamnayein aapko aise hi likhti rahein..
aamne saamne mulakat to hote rahti hai, aapki khabrein bhi ham dekhte rahte hain, ummeed hai ki jo aap khabaro me nahi kah pati vo yaha blog me likhengi....
fir se shubhkamnayein